मत पूछिये जनाब “इश्क़ में क्या रखा हैं”
खुद को खोकर किसी को पाना
इश्क़ का लाज़वाब सौदा हैं।
यूँ तो इश्क़ खुदा की नेहमत हैं
पर इश्क़ ने तो खुद अपनी राहों को मुश्किलो से सजा रखा हैं।
मत पूछिये जनाब “इश्क़ में क्या रखा हैं”
इश्क़ ने अपने दामन तले
तनहाइयों का साया छुपा रखा हैं।
इश्क़ की शर्ते भी समझ से परे हैं
ऊँचे ऊँचे दावों के बावजूद जुदाई को पलको पर बिठा रखा हैं।।
मत पूछिये जनाब “इश्क़ में क्या रखा हैं”
पलको के आशियाने में बेइंतेहा अश्क़ों को छुपा रखा हैं
इश्क़ का भी खेल अनोखा हैं
आग दरिया हैं इश्क़ जिसे हर शख़्स को
डूब के पार करना हैं।।।
By Kabir…✍
😊☺
Welcone😋
thankss alot…😊☺
So good… Awesome…. Loved your words👏👏👍
difficile capire con il traduttore automatico di google 🙁
HIhahahahah….u r right…😂
इश़्क ही तो सब कुछ है जनाब……..